नई दिल्ली: सरकारी योजनाओं का लाभ अब सीधे आपके बैंक खाते में पहुंचना एक आम बात हो गई है। इस प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाने के पीछे जिस तकनीक का हाथ है, उसे एपीबी सब्सिडी (APB Subsidy) या आधार पेमेंट ब्रिज (Aadhaar Payment Bridge) प्रणाली के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसने भारत में सब्सिडी वितरण के तरीके में क्रांति ला दी है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार में कमी आई है।
क्या है एपीबी सब्सिडी?
एपीबी सब्सिडी का पूरा नाम आधार पेमेंट ब्रिज सब्सिडी है। यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित एक भुगतान प्रणाली है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और अन्य आर्थिक लाभों को सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में भेजना है।
सरल शब्दों में समझें तो, सरकार को अब किसी भी योजना का पैसा लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए उसके बैंक खाते के नंबर, IFSC कोड जैसी जानकारी की आवश्यकता नहीं होती। सरकार केवल लाभार्थी के आधार नंबर का उपयोग करके सीधे उसके बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर सकती है, चाहे लाभार्थी का खाता किसी भी बैंक में क्यों न हो।
कैसे काम करती है एपीबी प्रणाली?
आधार पेमेंट ब्रिज प्रणाली एक केंद्रीकृत व्यवस्था के रूप में काम करती है जो सरकारी विभागों, बैंकों और लाभार्थियों को एक साथ जोड़ती है। इसकी कार्यप्रणाली को कुछ इस तरह समझा जा सकता है:
- आधार सीडिंग: सबसे पहले, लाभार्थी को अपने बैंक खाते को अपने आधार नंबर से लिंक करवाना होता है। इस प्रक्रिया को ‘आधार सीडिंग’ कहा जाता है। एक बार खाता आधार से जुड़ जाने के बाद, यह ‘आधार इनेबल्ड बैंक अकाउंट’ (AEBA) बन जाता है।
- NPCI मैपर: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) एक ‘मैपर’ का प्रबंधन करता है। यह एक ऐसा डेटाबेस है जिसमें सभी आधार नंबर और उनसे जुड़े बैंक खातों की जानकारी (विशेष रूप से बैंक का इंस्टीट्यूशन आइडेंटिफिकेशन नंबर – IIN) संग्रहीत होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि NPCI आपके बैंक खाते की संवेदनशील जानकारी संग्रहीत नहीं करता है, केवल यह जानता है कि कौन सा आधार नंबर किस बैंक से जुड़ा है।
- फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया:
- जब कोई सरकारी विभाग किसी योजना के तहत सब्सिडी देना चाहता है, तो वह लाभार्थियों की सूची और उनके आधार नंबर के साथ अपने ‘प्रायोजक बैंक’ (Sponsor Bank) को एक फाइल भेजता है।
- प्रायोजक बैंक इस फाइल को NPCI को भेजता है।
- NPCI अपने मैपर का उपयोग करके यह पता लगाता है कि लाभार्थी का आधार नंबर किस ‘गंतव्य बैंक’ (Destination Bank) से जुड़ा हुआ है।
- इसके बाद NPCI फंड को उस गंतव्य बैंक को भेज देता है।
- गंतव्य बैंक प्राप्त राशि को लाभार्थी के खाते में जमा कर देता है।
एपीबी सब्सिडी के लाभ
आधार पेमेंट ब्रिज प्रणाली के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं, जिन्होंने इसे सरकारी योजनाओं के लिए एक पसंदीदा माध्यम बना दिया है:
- पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी: पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश काफी कम हो गई है।
- तेज और समय पर भुगतान: पारंपरिक तरीकों की तुलना में, एपीबी के माध्यम से सब्सिडी का हस्तांतरण बहुत तेजी से होता है, जिससे लाभार्थियों को समय पर आर्थिक सहायता मिल जाती है।
- कागजी कार्रवाई में कमी: पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक होने के कारण कागजी कार्रवाई की आवश्यकता न्यूनतम हो जाती है।
- डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों का उन्मूलन: आधार बायोमेट्रिक पहचान पर आधारित है, जिससे एक ही व्यक्ति द्वारा कई खातों से लाभ उठाने जैसी धोखाधड़ी को रोका जा सकता है।
- सुविधाजनक: लाभार्थियों को अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग बैंक खाते खोलने की जरूरत नहीं है। एक ही आधार-लिंक्ड खाता सभी सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है। यदि लाभार्थी अपना बैंक खाता बदलता भी है, तो उसे सरकारी विभाग को सूचित करने की आवश्यकता नहीं है, केवल नए खाते को आधार से लिंक करना होता है।
कौन सी प्रमुख योजनाएं एपीबी प्रणाली का उपयोग करती हैं?
भारत सरकार की कई प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं सब्सिडी वितरण के लिए एपीबी प्रणाली का उपयोग करती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- LPG सब्सिडी (पहल योजना): रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में जमा की जाती है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): मनरेगा के तहत मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाता है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता एपीबी के माध्यम से ही हस्तांतरित की जाती है।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP): इसके अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगता पेंशन जैसी विभिन्न पेंशन योजनाएं शामिल हैं।
- छात्रवृत्ति योजनाएं: विभिन्न सरकारी छात्रवृत्तियों का भुगतान भी इसी प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।
संक्षेप में, एपीबी सब्सिडी प्रणाली भारत के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) कार्यक्रम की रीढ़ है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी मदद सही व्यक्ति तक, सही समय पर और बिना किसी हेरफेर के पहुंचे।